Sunday, May 7, 2023

फ़र्श पर तुम हो और अर्श पर माह है...


फ़र्श पर तुम हो और अर्श पर माह है

गज़ब है दोनों ही एक दूसरे की तरह है


हमें रकीबों से भला क्या मतलब

वो अपनी राह है हम अपनी राह है


मुहब्बत में तुमको मैंने खुद में बसा लिया

अब सब कहते है हम भी तुम्हारी तरह है


आओ फिर अपने गुज़रे ज़माने में लौट चले 

         इस ज़माने में हम दोनों तन्हा है

 -अमित-

 


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