Sunday, January 23, 2022

मुझको तुमसे प्यार है कितना...



मुझको तुमसे प्यार है कितना कभी नहीं तुम समझोगे
एक एक मिल एक होते हैं तभी नहीं तुम समझोगे

जैसे जल बिन मीन तड़पती वैसे मैं तड़पूं तुम बिन
कैसे तुम बिन मैं हूं अधूरी कभी नहीं समझोगे

बूंद बरसती है बादल से यह तो रीत पुरानी है
नीर बहा नैनो से कैसे कभी नहीं तुम समझोगे

दिल दिया तुमको ए दिलबर पर तुमने इनकार किया
दिल को दिल की चाह है कैसी कभी नही तुम समझोगे

कभी नहीं तुम समझे मुझकोतुम पर सब कुछ वार दिया
मैंने तुमको क्या क्या समझाकभी नही तुम समझोगे

- अमित -

 


कुछ यूं उसने ज़िन्दगी बसर की साथ मेरे...



कुछ यूं उसने ज़िन्दगी बसर की साथ मेरे
जो थोड़ा था उसे ही ज्यादा जिया साथ मेरे

मेरी मेहनत और मशक्कत से जो था हासिल
उसी में उसने घर को घर बनाया साथ मेरे

एक दरिया के मानिंद ज़िन्दगी के सफ़र में
बस मुहब्बत की और मुहब्बत में रहा साथ मेरे

उसके अपनेपन की मिठास तो देखिये
मुझसे दूर रह कर भी वो रहा साथ मेरे

वो रहा साथ मेरे मुझसे नाराज़ होकर भी
मुझसे उदास होकर भी वो रहा साथ मेरे

-अमित-


कैसे कह दूं कि चाँद मेरा है....

सुनी सुनाई बातों पर यकीन करने लगे तुम भी आसमान को ज़मीन करने लगे  ************ दो दिल गले मिलते है धड़कने बात करती है  मैं तेरा हूँ, तू मेरी ह...