गुलाबी गुफ़्तगू
Sunday, March 16, 2025
कैसे कह दूं कि चाँद मेरा है....
बांसुरी....
Friday, January 24, 2025
मुस्कुराहट की तितली...
उसके चेहरे की खूबसूरती ऐसे
चांद से फूटती हो रोशनी जैसे
उसके गुलाब से खूबसूरत चेहरे पर
बैठी हो मुस्कुराहट की तितली जैसे
शर्म के बोझ से न उठती उसकी पलकें
मैं मजबूर था उसमें समाता कैसे
हक़ीक़त में उसकी मौजूदगी लगती है ऐसे
चांद का एक अक्स ज़मीन पर हो जैसे
वह महकता था खुशबू की तरह ख़यालों में
यादों की कस्तूरी सीने में दबी हो जैसे
- अमित -
नमक बराबर नखरा...
देखना एकटक तुम्हारा मेरे चेहरे को नज़र भर
नज़र मिलते ही नज़र का फिर झुका लेना लजाकर
बात तो कुछ थी तुम्हारे देखने की उस अदा में
कर लिया था क़ैद मुझको नज़रों से नज़रें मिलाकर
*****
नमक बराबर नखरा है उनकी अदाओं में,
सुना है वो बड़े नमकीन है
उनसे कहना सम्भल के करे वादा-ए-वफ़ा
हम भी आशिक बड़े नुक़्ताचीन है
*****
मैंने उससे बेइंतहा मुहब्बत की, उसके ख़ुमार में रहा
पर मेरी बाहों में सिमटकर भी वो बेक़रार सा रहा,
कौन कहता है मुहब्बत में तपिश नही होती
मुझसे लिपट कर वो कई दिनों तक बुख़ार में रहा...
*****
तेरे गुलाब जैसे चेहरे की रंगत का शुमार करता हूँ
तेरे जुबां से निकले मीठे लफ़्ज़ों पर ऐतबार करता हूँ
तेरा नाम लेते ही होंठ किसी चासनी में डूब जाते है
दिल में चराग-ए-मुहब्बत जलाकर तेरा इंतज़ार करता हूँ
- अमित -
Thursday, January 23, 2025
साँस...
Monday, December 30, 2024
मेरे मन के प्यासे अधरों को...
Sunday, December 29, 2024
तेरी आशिक़ नज़र जब मेरे सिम्त उठती है
तेरी
आशिक़
नज़र
जब
मेरे
सिम्त
उठती
है
महशर बरपाती है मुझे तबाह करती है
महफ़िल
में
तेरी
ग़ज़ल
और
उसके
जलवे
दिल मचल उठता है जुबां वाह वाह करती है
जवानी
कब,
कहां
और
किसकी
सुनती
है
नकाम मुहब्बत हार कर मशवरा करती है
दरख्तों
के
साये
में
बैठ
जवां
दिल
धड़कते
है
मुहब्बत सिर पर सवार हो, कहां परवाह करती है
आरजुओं
का
क्या,
मचलना
काम
है
उनका
कैसे
आराम
पाऊं
ये
तुमसे
सलाह
करनी
है
- अमित
-
कैसे कह दूं कि चाँद मेरा है....
सुनी सुनाई बातों पर यकीन करने लगे तुम भी आसमान को ज़मीन करने लगे ************ दो दिल गले मिलते है धड़कने बात करती है मैं तेरा हूँ, तू मेरी ह...
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देखना एकटक तुम्हारा मेरे चेहरे को नज़र भर नज़र मिलते ही नज़र का फिर झुका लेना लजाकर बात तो कुछ थी तुम्ह...
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तुम्हारा प्रेम सहज था सांसों की तरह, तुम्हारा प्रेम क़ीमती था, जैसे साँसे कीमती होती है तुम रोज आती थी जाने के लि...
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मेरे मन के प्यासे अधरों को, तेरे अधरों की प्यास लगी.... तेरे रूप का मादक यौवन, पी लूं पर मैं मुख न खोलूँ जीवन की क्षण भंगुर बेला में, रास रं...


