Sunday, March 16, 2025

कैसे कह दूं कि चाँद मेरा है....

सुनी सुनाई बातों पर यकीन करने लगे
तुम भी आसमान को ज़मीन करने लगे 
************

दो दिल गले मिलते है धड़कने बात करती है 
मैं तेरा हूँ, तू मेरी है, यही संवाद करती है 
************

हर हिचकी पर उनका नाम लिया करते हैं 
यही काम बस दिल रात किया करते हैं 
****************

चांद हमारी तुम्हारी मोहब्बत की निशानी है 
जो पूरी ना हो सकी वो अधूरी कहानी है
****************

चाँद के चारो तरफ़ चांदनी का पहरा है 
कैसे कह दूं कि चाँद मेरा है....
****************

गुल चूमने की चाह में कांटो पर होंठ रख दिए 
ऐसी गलतियों से से ज़िन्दगी घायल होती गई
***************

मुहब्बत के गुंचे हर एक दिल में खिलते नहीं 
यह वह नगीने हैं जो हर एक को मिलते नहीं 
*************

चांद रोज तुम्हें देखने की ख्वाहिश से निकलता है 
ना दिखो तो तरसता है दिख जाओ तो बहकता है
****************

दो दिल गले मिलते है, धड़कने बात करती है 
मैं तेरा हूँ तू मेरी है, यही संवाद करती है 
************

मुहब्बत से लबरेज़ एक दिल हमारे पास है 
बस एक खूबसूरत क़ातिल नज़र की तलाश है 
***********

मुहब्बत का क़त्ल कर खून से इल्ज़ाम लिख रहा हूँ 
बेवफाई की दास्ताँ ख़त में तेरे नाम लिख रहा हूँ 
** ************

जब भी तेरे शहर से गुज़रे सर झुका के गुज़रे 
अपनी बेताब हसरतों को दिल में दबा के गुज़रे 
*************

वो समझ नही पाते हमारी वफ़ा के मानी 
हम समझा नही पाते उन्हें उनकी नादानी 
*************

अपने लब-ए- क़ुफ़्ल से हंसी को आजाद होने दो
मत रोको इस कहर को मुझे बर्बाद होने दो  
***********  

दूरियां आशिक़ को कभी शायर कभी दीवाना बना देती है
कभी जलती शमां कभी तड़पता परवाना बना देती है
*************

प्रेम पगा एहसास तुम्हारा साथ सदा ही रहता है,
तेरी संगत की रंगत का मज़ा हमेशा देता है..
***************

ये न पूछिये कल रात हम किधर थे
एक ही तकिये पर हम दोनों के सिर थे
**************

संबंधों में शक के सुराख ना कीजिए
दिल दीजिए दिल लीजिए वफा कीजिए
*********************

अब ये टूटा हुआ दिल लेकर किधर जाऊंगा
तुमसे मुहब्बत की है, तुम्ही पर मर जाऊंगा
************************

शोहरतें जब चारों ओर मेरे इतराने लगी
रकीबों को भी मुझमे खूबी नज़र आने लगी



बांसुरी....

मैं मौन बांसुरी हूँ,
इंतज़ार है मुझे किसी के होंठो के स्पर्श का
है संगीत मेरे अन्दर मौन सोया हुआ
खुद अपने आप में खोया हुआ
मैं साध्य भी हूँ , साधना का हेतु भी
मुझमे आहत नाद , मैं अनहद नाद का सेतु भी
मैं खुद में खाली, अवकाश से पूर्ण
संगीत जगता है मुझमे सम्पूर्ण
कोई मुझे अपने होंठो से लगाकर चूम ले
मुझमे जन्मे संगीत में झूम ले
तो वो खुदा हो जाए
खुद से जुदा हो जाए...

कैसे कह दूं कि चाँद मेरा है....

सुनी सुनाई बातों पर यकीन करने लगे तुम भी आसमान को ज़मीन करने लगे  ************ दो दिल गले मिलते है धड़कने बात करती है  मैं तेरा हूँ, तू मेरी ह...