गज़ब
है दोनों ही एक दूसरे की तरह है
हमें
रकीबों से भला क्या मतलब
वो
अपनी राह है हम अपनी राह है
मुहब्बत
में तुमको मैंने खुद में बसा लिया
अब सब कहते है हम भी तुम्हारी तरह है
आओ फिर अपने गुज़रे ज़माने में लौट चले
इस ज़माने में हम दोनों तन्हा है
गज़ब
है दोनों ही एक दूसरे की तरह है
हमें
रकीबों से भला क्या मतलब
वो
अपनी राह है हम अपनी राह है
मुहब्बत
में तुमको मैंने खुद में बसा लिया
अब सब कहते है हम भी तुम्हारी तरह है
आओ फिर अपने गुज़रे ज़माने में लौट चले
इस ज़माने में हम दोनों तन्हा है
-अमित-
फ़र्श पर तुम हो और अर्श पर माह है गज़ब है दोनों ही एक दूसरे की तरह है हमें रकीबों से भला क्या मतलब वो अपनी राह है हम अपनी राह है...